उलगुलान विद्रोह किससे जुड़ा था?
A कच्छा नागा
B बिरसा मुंडा
C संथाल
D कोल

Description
उलगुलान विद्रोह बिरसा मुंडा से जुड़ा हुआ था. यह विद्रोह 1899-1900 ई. के मध्य रांची के दक्षिणी क्षेत्र में हुआ. इस विद्रोह में बिरसा मुंडा ने आदिवासियों की भूमि पर गैर आदिवासियों के कब्जे का कड़ा विरोध किया था. बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों व जमींदारों के खिलाफ अपने जगलों व आदिवासी सम्मान के लिए ‘उलगुलान’ आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन के दौरान, बिरसा मुंडा ने अपनी नेतृत्व क्षमताओं का प्रदर्शन किया. इसके बाद, वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की.
सहायक संधि के संबंध में कौनसा कथन सही है?
A उपरोक्त सभी
B वह राज्य किसी विदेशी राज्य के साथ या अन्य राज्य के साथ संधि नहीं कर सकता था तथा किसी राज्य के साथ मतभेद होने पर उस राज्य को कंपनी की मध्यस्थता स्वीकारनी पड़ेगी।
C सहायक संधि के तहत् संबंधित रियासत में सुरक्षा व सहायता हेतु अंग्रेजी फौजें रखी जाती थी।
D अंग्रेजी सेना का खर्चा उस राज्य को उठाना पड़ता था ।

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सहायक संधि के संबंध में सही कथन यह है कि: वह राज्य किसी विदेशी राज्य के साथ या अन्य राज्य के साथ संधि नहीं कर सकता था और किसी राज्य के साथ मतभेद होने पर उस राज्य को कंपनी की मध्यस्थता स्वीकारनी पड़ेगी। सहायक संधि के तहत संबंधित रियासत में सुरक्षा व सहायता हेतु अंग्रेजी फौजें रखी जाती थी। अंग्रेजी सेना का खर्चा उस राज्य को उठाना पड़ता था।
As per Sikh tradition which Sufi saint is  credited as the founder of Har mandir? सिख परम्परा के अनुसार निम्नलिखित में से किस सूफी सन्त को हर मन्दिर की स्थापना का श्रेय दिया जाता है? 
A Sheikh Muhammad Gaus Gwaliary  / शख मुहम्मद गोस ग्वालियरी 
B Mullah Shah Badakhshi/मुल्लाहशाह बदख्शी 
C Miyan Meer/मियांमीर 
D Sheikh Ahmad Sarhindi/शेख अहमदी सरहिन्दी 

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 व्याख्या :सिख परम्परा के अनुसार, मियां मीर को हर मंदिर की स्थापना का श्रेय दिया जाता है. मियां मीर एक प्रसिद्ध मुस्लिम सूफी संत थे, जो लाहौर में निवास करते थे, विशेष रूप से बेगमपुरा नगर में (वर्तमान में पाकिस्तान में)। उन्होंने अपने अधिकांश जीवन को लाहौर और उसके आस-पास बिताया. वे कादिरी सूफी संतों के क्रम में थे. उन्हें पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव जी के निकट संपर्क में आने के लिए जाना जाता है. गुरु अर्जुन देव जी ने हरमंदिर साहिब की नींव रखने के लिए उन्हें आमंत्रित किया था. यह आज विश्वविख्यात स्वर्ण मंदिर के रूप में जाना जाता है.
Who among the following was the choice of prime  Minister Mir Khalifa as the successor of Babur in  lieu of Humayun? निम्नलिखित में से कौन एक हुमायूँ के स्थान पर बाबर के उत्तराधिकारी के रूप में प्रधानमंत्री मीर खलीफा की पसंद था? 
A Mirza Hindal/मिर्जा हिंदाल 
B Mirza Askari/मिर्जा अस्करी 
C Mirza Kamran/मिर्जा कामरान 
D Mehdi Khawaja/मेहदी ख्वाजा 

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व्याख्या : मीर खलीफा, बाबर और हुमायूँ के शासनकाल के दौरान मुग़ल साम्राज्य के प्रधानमंत्री थे. उन्होंने हुमायूँ के उत्तराधिकार का विरोध किया था क्योंकि उन्हें हुमायूँ के योग्यताओं पर संदेह था. उन्होंने महदी ख्वाजा को बाबर के उत्तराधिकारी के रूप में उठाने की कोशिश की, जो बाबर के दामाद थे. उन्होंने सोचा कि महदी ख्वाजा उदार और उदार व्यक्ति थे, लेकिन ख्वाजा की महत्वाकांक्षाओं को जानने और मुग़ल अमीरों के विरोध के बाद, उन्होंने अपना मन बदल दिया और हुमायूँ को मुग़ल सिंहासन पर उठाया. इस प्रकार, उत्तर (b) सही है. प्रधानमंत्री मीर खलीफा की पसंद बाबर के उत्तराधिकारी के रूप में महदी ख्वाजा थे.
Which of the following saint of medieval India  was born at Prayag? मध्यकालीन भारत के निम्नलिखित में से किस सन्त का जन्म प्रयाग में हुआ था? 
A Kumbhan Das/कुम्भनदास का 
B Tulsidas/तुलसीदास का 
C Ramananda/रामानन्द का 
D Raidas/रैदास का 

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 व्याख्या :  रामानंद जी का जन्म प्रयाग (अब प्रयागराज) में हुआ था। वे 14वीं शताब्दी के एक वैष्णव भक्ति कवि संत थे, जो उत्तर भारत के गंगा बेसिन में रहते थे। हिन्दू परंपरा उन्हें रामानंदी संप्रदाय के संस्थापक मानती है, जो आधुनिक समयों में सबसे बड़ा हिन्दू संन्यासी समुदाय है। वे अपने अधिकांश जीवन को वाराणसी में बिताते थे। उन्होंने लिंग, वर्ग या जाति के आधार पर भेदभाव किए बिना शिष्य स्वीकार किए। उनके शिष्यों में कबीर, रविदास, भगत पीपा और अन्य भक्ति आंदोलन के कवि-संत शामिल थे।
किसने 1873 ई. में 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की-
A उपरोक्त में से कोई नहीं
B गोपालकृष्ण गोखल
C ज्योतिबा फुले
D शिवनाथ शास्त्री

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सत्यशोधक समाज की स्थापना ज्योतिबा फुले ने 24 सितंबर, 1873 को पुणे, महाराष्ट्र में की थी। यह एक सामाजिक सुधार समाज था जिसने वंचित लोगों की राजनीतिक शक्ति, शिक्षा, सामाजिक अधिकारों और न्याय तक पहुँच का समर्थन किया। महाराष्ट्र में इसका मुख्य लक्ष्य महिलाओं, शूद्रों और दलितों का उत्थान और समर्थन करना था। ज्योतिबा फुले की पत्नी सावित्रीबाई छात्राओं के लिए सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करती थीं।
'स्वदेशवाहिनी' के संपादक थे-
A के रामकृष्ण पिल्लै
B सी रामन पिल्लै
C सी एन मुदालियर
D सी आर रेड्डी

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‘स्वदेशवाहिनी’ के संपादक रामकृष्ण पिल्लई थे। रामकृष्ण पिल्लई का जन्म अथियानूर (त्रावणकोर के नेय्यातिनकरा तालुक में आरंगमगल) में हुआ था। वह चककिम्मा और नरसिम्हन पोट्टी के सबसे छोटे पुत्र थे, जो मंदिर के पुजारी थे। रामकृष्ण पिल्लई 1901 से 1903 तक समाचार पत्र के संपादक थे। इस दौरान, उन्होंने त्रावणकोर राज्य की यात्रा की और त्रावणकोर के लोगों और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की। फरवरी 1903 में, उन्होंने इस्तीफा दे दिया। रामकृष्ण पिल्लई भारत के एक राष्ट्रवादी लेखक, पत्रकार, संपादक, तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने ‘स्वदेशाभिमानी’ नामक एक समाचार पत्र का सम्पादन किया जो अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक शक्तिशाली हथियार बन गया था। इसके साथ ही यह अखबार त्रावणकोर राज्य में सामाजिक परिवर्तन के लिए एक उपकरण बन गया। स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित होने के कारण अखबार को जब्त कर लिया गया। रामकृष्ण पिल्लई को त्रावणकोर से गिरफ्तार करके निर्वासित कर दिया गया था।
 Which of the following Sultan had gotb constructed tha fifth floor of Qutub minar? / निम्न में से किस सुल्तान ने कुतुबमीनार की पाँचवीं मन्जिल का निर्माण कराया?
A Qutubuddin Aibak / कुतुबुद्दीन ऐबक
B Iltutamiah / इल्तुतमिश
C Feroz Shah Tughlaq / फिरोजशाह तुगलक
D Sikander Lodi/ सिकंदर लोदी

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व्याख्या : कुतुबमीनार की पांचवीं मंजिल का निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था। कुतुबुद्दीन ऐबक, दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक, ने 1200 ईस्वी में कुतुबमीनार के निर्माण का आरंभ किया, लेकिन उन्होंने केवल आधार तैयार किया। उनके उत्तराधिकारी, इल्तुतमिश, ने इसमें तीन और मंजिलें जोड़ीं, और 1220 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल का निर्माण किया।
 Timur was so impressed with the architecture of Delhi that he took craftsmen, masons and craftsmen from India with him, so that he could construct the likewise buildings in his capital-/ तैमूर दिल्ली की वास्तुकला से इतना प्रभावित हुआ था कि वह अपने साथ भारत से शिल्पकार, राजमिस्त्री और निपुण कारीगरों को लेता गया, ताकि वह उनसे उन्हीं प्रकार की इमारतें बनवाए अपनी राजधानी-
A Bukhara / बुखारा में
B Samarqand / समरकन्द में
C Tashqand / ताशकन्द में
D Ajarbaizan / अजरबेजान में

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व्याख्या ;तैमूर दिल्ली की वास्तुकला से इतना प्रभावित हुआ था कि उन्होंने भारत से शिल्पकार, राजमिस्त्री और निपुण कारीगरों को अपने साथ लिया, ताकि वह उनसे उन्हीं प्रकार की इमारतें बनवा सके अपनी राजधानी समरकन्द में. तैमूर ने अपने शासनकाल में तुर्को-मंगोल जीतों और अभियानों के दौरान दिल्ली सुल्तनत पर हमला किया था, जिसके दौरान उन्होंने दिल्ली की वास्तुकला को देखा और उससे प्रभावित हुए. उन्होंने दिल्ली की वास्तुकला की प्रतिकृति करने के लिए भारत से शिल्पकारों, राजमिस्त्रियों और कारीगरों को अपने साथ लिया. उन्होंने इन कारीगरों की मदद से अपनी राजधानी समरकन्द में उन्हीं प्रकार की इमारतें बनवाई.
Choose the correct chronological order of the following Muslim rullers from the codes given below: निम्नलिखित मुस्लिम शासकों का सही कालानुक्रम नीचे दिए गए कूट से चुनिए 1. Ahmad Shah Abdali/अहमदशाह अब्दाली 2. Muhammad Shah/मुहम्मद शाह 3. Jahangir/जहांगीर 4. Bahadur Shah II/बहादुर शाह द्वितीय 
A 2, 1, 3, 4 
B 4, 3, 2,1 
C 1, 2, 3, 4 
D 3, 2, 1,4 

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व्याख्या: निम्नलिखित मुस्लिम शासकों का सही कालानुक्रम इस प्रकार है:जहांगीर (Jahangir): जहांगीर का शासनकाल 1605 से 1627 तक था.मुहम्मद शाह (Muhammad Shah): मुहम्मद शाह का शासनकाल 1719 से 1748 तक था.अहमदशाह अब्दाली (Ahmad Shah Abdali): अहमदशाह अब्दाली का शासनकाल मुहम्मद शाह के बाद आता है, जो दुर्रानी साम्राज्य का संस्थापक था.बहादुर शाह द्वितीय (Bahadur Shah II): बहादुर शाह द्वितीय का शासनकाल 1837 से 1857 तक था, और वह मुग़ल साम्राज्य के अंतिम सम्राट थे.